इस बार गोवर्धन पूजा मंगलवार 14 नवम्बर 2023 को मनायी जायेगी ।
गोवर्धन पूजा का महत्व:
दीपावली की अगली सुबह गोवर्धन पूजा की जाती है। लोग इसे अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं। समस्त हिन्दू पर्व और त्योहारों में गोवर्धन पूजा का अपना एक अलग स्थान है, जो सम्पूर्ण भारत वर्ष में धूम धाम से मनाया जाता है। यह पूजा गोवर्धन पर्व के नाम से भी जाना जाता है। मुख्य तौर पर यह पर्व गुजरात, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, ब्रज और अन्य क्षेत्रों में विशेष धूमधाम के साथ मनाया जाता है । गोवर्धन पूजा का मुख्य उद्देश्य गोवर्धन पर्व के दिन गौ माता, गौवंश और पर्यावरण की सुरक्षा को प्राथमिकता देना है। इस दिन, लोग अपने गायों और गौ माता की पूजा करते हैं और उन्हें धन्यवाद देते हैं । इस त्यौहार का भारतीय लोकजीवन में काफी महत्व है। इस पर्व में प्रकृति के साथ मानव का सीधा सम्बन्ध दिखाई देता है। इस पर्व की अपनी मान्यता और लोककथा है। गोवर्धन पूजा में गोधन यानी गायों की पूजा की जाती है।
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शास्त्रों में बताया गया है कि गाय उसी प्रकार पवित्र होती है जैसे नदियों में गंगा। गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप भी कहा गया है। देवी लक्ष्मी जिस प्रकार सुख, समृद्धि प्रदान करती हैं उसी प्रकार गौ माता भी अपने दूध से स्वास्थ्य रूपी धन प्रदान करती हैं। इनका बछड़ा खेतों में अनाज उगाता है। इस तरह गौ सम्पूर्ण मानव जाती के लिए पूजनीय और आदरणीय है। गौ के प्रति श्रद्धा प्रकट करने के लिए ही कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन गोर्वधन की पूजा की जाती है और इसके प्रतीक के रूप में गाय की पूजा की जाती है। जब कृष्ण ने ब्रजवासियों को मूसलधार वर्षा से बचने के लिए सात दिन तक गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उँगली पर उठाकर रखा और गोप-गोपिकाएँ उसकी छाया में सुखपूर्वक रहे।
सातवें दिन भगवान ने गोवर्धन को नीचे रखा और हर वर्ष गोवर्धन पूजा करके अन्नकूट उत्सव मनाने की आज्ञा दी। तभी से यह उत्सव अन्नकूट के नाम से मनाया जाने लगा। इन सबसे हटकर मुख्य बात ये हैं कि कई जगह गायों के लिये खास पकवान बनाये जाते हैं और उनकी पूजा के तौर उनके सींग में सरसों का तेल लगाया जाता है और इन्हें हल्दी का टीका और अक्षत लगाकर फ़ूलों की माला पहनाई जाती है और फ़िर इनके पैर छुये जाते हैं । ऐसा भी कह सकते हैं कि इस दिन अपने पालित पोषित पशुधन का विशेष ध्यान रखा जाता है और इन्हें काम-काज के उपयोग में इस दिन नहीं लाया जाता ।
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गोवर्धन पूजा मुहूर्त:
गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त – सुबह 06:43 बजे से 08:52 बजे तक
कुल अवधि – 02 घण्टे 09 मि.
द्यूत क्रीड़ा मंगलवार 14 नवम्बर 2023 को होगा
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – 13 नवम्बर 2023 को दोपहर 2:56 बजे से
प्रतिपदा तिथि समाप्त – 14 नवम्बर 2023 को दोपहर 02:36 बजे तक
गोवर्धन पूजा की शुभकामनाएँ!
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