कौन से देवता की किस मन्त्र जाप से करें पूजा

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सनातन धर्म के अन्तर्गत बहुत से देवी देवताओं की पूजा करने का विधान बताता गया है जहां ऊर्जा प्राप्त करने के लिये सूर्य देव की पूजा का विधान है तो मन की शान्ति के लिये चन्द्रमा की पूजा का विधान है। ऐसे ही शीघ्र मनोकामना की पूर्ति के लिये भगवान शिव तो कष्टों को दूर करने के लिये हनुमान जी, बुध्दि और विघ्नो को दूर करने के लिये गणेश जी तो पारिवारिक सुख शान्ति के लिये विष्णु जी और धन सम्पत्ति तथा वैभव के लिये मां लक्ष्मी माता जी तो शक्ति के लिये मां दुर्गा जी, विद्या के लिये मां सरस्वती जी और मृत्यु तुल्य कष्ट से बचने के लिये मृत्युंजय देवता और कल्याण के लिये शनिदेव की पूजा का विधान बताया गया है । इस ब्लोग के माध्यम से हम आपको प्रमुख देवी देवताओं के सरल मन्त्र बता रहे हैं । देवी देवताओं को उनके मन्त्रों द्वारा पूजा और मन्त्र जाप करने से वे शीघ्र प्रसन्न होते हैं और मनवांछित फ़ल प्रदान करते हैं ।

मन्त्र जाप से आपको शक्ति मिल सकती है और ऑनलाइन पूजा कराने से ये दुगनी हो सकती है!:

भगवान सूर्य:

तंत्रोक्त मंत्र – ॐ ह्रां ह्रीं ह्रों सः सूर्याय नमः
सूर्य नाम मंत्र – ॐ घृणि सूर्याय नमः
सूर्य का पौराणिक मंत्र – ॐ जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं मेहद्धयितम
तमोरिमसर्वपापघ्नं प्रणतोस्मि दिवाकरम
सूर्य गायत्री मंत्र – ॐ अदित्याय विद्महे दिवाकराय धीमही। तन्नो सूर्य: प्रचोदयात् ||

भगवान शिव का मन्त्र:

पञ्चाक्षरी मंत्र: ॐ नमः शिवाय।

हनुमान जी का मन्त्र:

ॐ अञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि।
तन्नो हनुमान् प्रचोदयात्।

गणेश जी का मन्त्र:

ॐ गं गणपतये नमः।

गणेश गायत्री मन्त्र:
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुण्डाय धीमहि।
तन्नो धन्ति प्रचोदयात्।

भगवान विष्णु जी का मन्त्र:

ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्।

मां लक्ष्मी जी का मन्त्र:

ॐ महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णुपत्न्यै च धीमहि।
तन्नो लक्ष्मीः प्रचोदयात्।
लक्ष्मी अष्टकम:
नमस्तेऽस्तु महामाये श्रीपीठे सुरपूजिते।
शंखचक्रगदाहस्ते महालक्ष्मि नमोऽस्तुते।

मां सरस्वती जी का मन्त्र:

ॐ ऐं ह्रीं सरस्वत्यै नमः।
सरस्वती गायत्री मन्त्र:
ॐ वागीश्वराय विद्महे कामराजाय धीमहि।
तन्नो वाणी प्रचोदयात्।
सरस्वती पंचाक्षरी मन्त्र:
ॐ ऐं नमः श्रीमहासरस्वत्यै नमः।

मां दुर्गा का मन्त्र:

ॐ दुं दुर्गायै नमः।

दुर्गा गायत्री मन्त्र:
ॐ महिषासुरमर्दिन्यै च विद्महे कात्यायन्यै च धीमहि।
तन्नो दुर्गा प्रचोदयात्।

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मां काली का मन्त्र:

काली गायत्री मन्त्र:
ॐ कालिकायै विद्महे श्मशानवासिन्यै धीमहि।
तन्नो काली प्रचोदयात्।

काली तांत्रिक मन्त्र:
ॐ क्रीं कालिकायै नमः।

श्री शनिदेव का मन्त्र:

ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।

शनि तांत्रिक मन्त्र:
ॐ शं शनैश्चराय नमः।

महामृत्युंजय मंत्र:

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।

गायत्री मन्त्र:

ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं
भर्गो देवस्य धीमहि,धियो यो नः प्रचोदयात्॥

देवता और देवी के मन्त्र जाप करने से बहुत फ़ायदा हो सकता है | आशा है कि आप ये मन्त्र जाप करेंगे और अपनी जिंदगी में खुशी और शांति लाएंगे!

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