लक्ष्मी और गणेश आरती: महत्व और लाभ

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लक्ष्मी आरती हिंदू पौराणिक कथाओं में धन, समृद्धि और भाग्य की अवतार देवी लक्ष्मी को समर्पित एक पवित्र भजन है। गणेश आरती एक भक्ति गीत है जो हाथी के सिर वाले पूज्य देवता भगवान गणेश को समर्पित है, जिन्हें बाधाओं को दूर करने वाले और नई शुरुआत के देवता के रूप में जाना जाता है। लक्ष्मी और गणेश आरती दोनों को भक्ति और श्रद्धा के साथ पढ़ा जाता है, लक्ष्मी से प्रचुरता प्रदान करने का आशीर्वाद और गणेश से सुचारू और सफल प्रयास का आशीर्वाद मांगा जाता है। लक्ष्मी और गणेश की दिव्य उपस्थिति का आह्वान करने और उनकी कृपा के लिए आभार व्यक्त करने के लिए दीपावली और अन्य उत्सव समारोहों सहित विभिन्न अवसरों के दौरान लक्ष्मी और गणेश आरती की जाती है।

लक्ष्मी आरती का महत्व:

धन, समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी जी को प्रसन्न और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए मां लक्ष्मी आरती की जाती है । ऐसा भी कह सकते हैं कि मां लक्ष्मी, धन, समृद्धि, और भाग्य की देवी को समर्पण के रूप में और पूजा के समय पढी जाती है । और लक्ष्मी आरती का मुख्य उद्देश्य धन, समृद्धि, और धर्मिक ध्यान के साथ मां लक्ष्मी की कृपा की प्राप्ति है। यह आरती नित्य प्रतिदिन की जा सकती है या फ़िर हर शुक्रवार या दीपावली, व्रत और धनतेरस जैसे अवसरों पर पढ़ी जाती है। अरती करने से मां लक्ष्मी जी शीघ्र प्रसन्न हो जाती हैं । हिन्दू धर्म में मां लक्ष्मी जी का पूजन और आरती का महत्व बहुत अधिक है । भक्त को माता लक्ष्मी जी से धन, समृद्धि, सौभाग्य, और समृद्धि तो चाहिए ही साथ में सदैव उनका आशीर्वाद भी चाहिए क्योंकि धन के बिना कोई काम नहीं होते ।

लक्ष्मी आरती के लाभ:

• धन, समृद्धि
• सुख-सौभाग्य की प्राप्ति
• सदगुणों की प्राप्ति
• पापों से मुक्ति
• भौतिक सुखों का लाभ

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गणेश आरती का महत्व:

भगवान श्री गणेश जी सभी विघ्नों को दूर करने वाले हैं इसलिए इनका एक नाम विघ्नहर्ता भी है । किसी भी तरह की पूजा में सर्वप्रथम भगवान श्री गणेश जी की पूजा की जाती है । इसलिए इन्हे प्रथम पूज्य देव भी कहा गया है । गणेश आरती भगवान श्री गणपति गजानन जी की पूजा के समय पढ़ी जाने वाली धार्मिक आरती है।  जिसे विधि-विधान के साथ गणेश जी के पूजा कार्यक्रम में आमतौर पर पढ़ा जाता है । इसके अलावा हर रोज या हर बुधवार या हर महीने आने वाली गणेश चतुर्थी और अन्य गणेशोत्सव के दौरान भी बड़े धूमधाम से गणेश आरती और पूजा की जाती है । हिन्दू धर्म में गणेश जी की पूजा और आराधना को विशेष महत्व दिया जाता है ऐसा माना जाता है कि बिना गणेश जी की पूजा के कोई भी पूजा सफ़ल नहीं होती । गणेश की पूजा और आरती का मुख्य उद्देश्य नई शुरुआतों में सफलता प्राप्त करना होता है अर्थात जब भी कोई नया काम कर रहे हों तो गणेश जी की पूजा और आरती की जाती है ताकि उनकी कृपा और आशीर्वाद बराबर प्राप्त होता रहे और काम में किसी भी तरह की दिक्कत ना आये । इसके अलावा गणेश आरती करते समय भक्त अपने मन को शान्त पाता है और उसे आनन्द की प्राप्ति महसूस होती है । जो भी भक्त गणेश जी की भक्ति में समर्पित होते हैं उनपर भगवान गणेश जी की शीघ्र कृपा बरसती है । भगवान गणेश जी की पूजा और आरती करने से भक्त  जीवन में सत्य, ईमानदारी, और सेवा के मूल्यों का पालन करने की शक्ति प्राप्त करता है । इसके अलावा भक्त खुद के लिए आर्थिक संपत्ति और समृद्धि की प्राप्ति की कामना करते हैं और भक्त भगवान से कहते हैं कि हे प्रभु आप अन्धे को आंख दे सकते हैं, कोढी को काया दे सकते हैं, नि:सन्तान को सन्तान दे सकते हैं और निर्धन को धन प्रदान करते हैं । आप दीन हीन की लाज रखते हैं और सभी मनोकामना को पूर्ण करते हैं आप कृपा निधान हैं ।

गणेश आरती करने के लाभ:

• समस्याओं का समाधान
• आध्यात्मिक उन्नति
• बुध्दि की प्राप्ति
• बल की प्राप्ति
• मार्गदर्शन
• आंतरिक शांति
• धन और समृद्धि की प्राप्ति
• व्यापार में वृध्दि
• परिवारिक सुख की प्राप्ति
• सन्तान की प्राप्ति
• विद्या की प्राप्ति

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