15 फरवरी 2024 को जन्मे बेबी कोहली ने दुनिया (और इंटरनेट) में तूफान ला दिया है। आज हम जानेंगे कि अकाय नाम का अर्थ क्या है और उसका भविष्य कैसा होगा! क्या वह अपने पिता विराट कोहली का अनुसरण करके क्रिकेटर बनेंगे या अपनी मां की तरह अभिनेता बनेंगे? क्या वह अपना रास्ता खुद चुनेगा? आइए जानें क्या कहती है उनकी जन्म कुंडली!
अकाय शब्द अपने आप में बहुत कुछ छिपाये बैठा है इसका मूल अर्थ है अ अर्थात नहीं और काय का अर्थ आकार या शरीर होता है । अकाय नाम का अर्थ है जिसका कोई आकार नहीं है । अब आप सोच रहे होंगे कि ये अकाय नाम भी कैसा नाम है, परन्तु थोडा सा गहराई में जाया जाय तो अकाय आर्थात निराकार उस परब्रह्म को भी निराकार रूप में जाना और पूजा जाता है क्योंकि हर कण-कण में उस परब्रह्म का वास है और वे इस सृष्टि के कर्ता धर्ता हैं । वे आकार या निराकार जिस रूप में भी है पर ये सत्य है कि वे हैं तभी सृष्टि का वजूद है । अकाय अर्थात निराकार वो है जिसे देखा जाय या ना देखा जाय पर उसकी सत्ता को नकारा नहीं जा सकता , उसे महसूस किया जा सकता है । अत: स्पष्ट हो गया है कि महान बल्लेबाज विराट कोहली और प्रसिध्द अदाकारा अनुष्का शर्मा ने जो अकाय नामकरण अपने बच्चे का किया है इसके पीछे उनकी गहरी सोच है । सनातन धर्म के अन्तर्गत भगवान की पूजा तीन रूपों में की जाता है , जिसमें पहला आता है साकार भगवान की पूजा, जिसके अन्तर्गत किसी विग्रह अर्थात मूर्ति, फ़ोटो आदि की पूजा की जाती है । दूसरा है अकाय अर्थात निराकार ब्रह्म की पूजा, निराकार ब्रह्म की पूजा करने वाले लोगों का मामना है कि ब्रह्म कण-कण में है सभी रूप उसी में समाये हैं इसलिये उनका कोई खास आकार नहीं है वे सत्तासीन है उनके अस्थित्व को नकारा ही नहीं जा सकता और उनके बिना जीवन की कल्पना अधूरी है । और तीसरा है अवतार , अर्थात यह माना जाता है कि धर्म की रक्षा के लिये समय समय पर परब्रह्म ने धरती पर किसी न किसी रूप में अवतार लिया है और उनके उस अवतार को विग्रह रूप में पूजा जाता है । अत: अब स्पष्ट है कि अकाय शब्द का व्यापक और गूढ अर्थ है जिसकी व्याख्या जितनी की जाय उतनी कम है ।
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15 फ़रवरी 2024 को विराट कोहली और अनुष्का शर्मा के बच्चे अकाय का जन्म लन्दन में हुआ है । हमारे पास जन्मतिथि, जन्म स्थान तो है लेकिन जन्म का सही समय नहीं है परन्तु इस दिन की ग्रह स्थिति को देखते हुये हम एक अनुमान लगा सकते हैं कि बच्चे का पर ग्रहों का प्रभाव कैसा होगा । भारतीय समय के अनुसार सुबह 9 बजकर 26 मिनिट तक अश्विनी नक्षत्र था और उसके बाद भरणी नक्षत्र प्रारम्भ हो गया था जो कि अगले दिन अर्थात 16 फ़रवरी को सुबह 8 बजकर 47 मिनिट तक चला । अब इतना तो स्पष्ट है कि चन्द्रमा मेष राशि में था और मेष राशि का स्वामी मंगल होता है जो कि पराक्रम का कारक होता है । अन्य ग्रहों की स्थिति इस प्रकार है, मेष राशि में गुरु और चन्द्रमा एक साथ बैठे हैं और गुरु तथा चन्द्रमा का केन्द्र में एक साथ होना गजकेशरी योग बनाता है । कन्या राशि में केतु ग्रह विराजमान है जबकि मकर राशि में उच्च राशि का मंगल बैठा है और साथ में बुध ग्रह और शुक्र भी विराजमान हैं , इन तीन ग्रहों का एक साथ होना तीनग्रही योग बनता है इसका विशेष फ़ल जातक को समय और ग्रह दशाओं के हिसाब से प्राप्त होता है । जबकि शनि वर्तमान में अपनी ही राशि कुम्भ में गोचर कर रहा है परन्तु साथ में सूर्य के होने से शनि ग्रह अस्त हैं । मीन राशि में राहु है ग्रहों की इस स्थिति के आधार पर जानते हैं कि इनका व्यक्तित्व और स्वभाव किस प्रकार का होगा ।
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व्यक्तित्व और स्वभाव :-
जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि अकाय मेष राशि से सम्बन्ध रखते हैं और मेष राशि के जातक कुछ खास गुणों के लिये जाने जाते हैं । किसी भी चुनौती को स्वीकार कर लेना और उत्साह के साथ उसे चुनौती को पूरा कर लेना इनका जातकों का सबसे खास गुण है । दूसरा ये कि इनको पराधीनता अर्थात किसी के अधीन काम करना बिल्कुल भी पसन्द नहीं है और ये ऐसे कार्य कर जाते हैं कि जो सबके लिये प्रेरणास्रोत बन जाते हैं । हमेशा किसी भी कार्य क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा करना और जिस जिद को पकड लेते हैं अर्थात जिस चीज को ठान लेते हैं उसे करके ही मानते हैं । ये गुण भी मेष राशि का खास गुण है । बालक की जन्मकुण्डली में मेष राशि का स्वामी मंगल ग्रह जन्म के समय अपनी उच्च राशि मकर में बैठा है, उच्च राशि का मंगल अपने आप में खास योग बनाता है । ये जातक शारीरिक और मानसिक रूप से शक्तिशाली होते हैं इनका खास व्यक्तित्व दूर से ही पहचान में आ जाता है । ऐसा भी कह सकते हैं कि ये आकर्षक व्यक्तित्व के धनी होते हैं । किसी भी विषम परिस्थिति में निर्णय लेने में इन्हे किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होती । एक सबसे खास गुण इनके अन्दर ये होता है कि उच्च बौध्दिक क्षमता के चलते समाज के बीच अपनी अलग पहचान बनाने में ये कमायाब रहते हैं । ये समय सारणी का खास ध्यान रखते हैं किसी भी कार्य को कल के लिये टाल देना इन्हे बिल्कुल भी पसन्द नहीं होता । ऐसा भी कह सकते हैं कि इनका परिश्रमी और मेहनती होना ही इन्हें प्रतिकूल परिस्थिति और जीवन की चुनौतियों से लडने के लिये हमेशा प्रेरित करता है ।
भाग्य :-
जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि हमारे पास चि० अकाय की जन्मतिथि और जन्म स्थान तो है लेकिन जन्म का सही समय उपलभ नहीं है अत: हम मोटे तौर पर ग्रहों की स्थिति के आधार पर ये कह सकते हैं कि गुरु और चन्द्रमा एक साथ बैठे है और राशि का स्वामी उच्च का है तो जातक का भाग्य प्रवल होगा और भाग्य क हमेशा साथ इन्हें प्राप्त होगा । इसके बाबजूद भी जब भी ये कोई कार्य करेंगे तो परिणाम को भाग्य के भरोसे नहीं छोडेंगे अर्थात भाग्य के भरोसे बैठे रहना इनके स्वभाव के विपरीत है । भाग्य का साथ मिलना कुण्डली का सकारात्मक पक्ष हो सकता है लेकिन अपने कर्म और मेहनत पर भरोसा करना इनका स्वभाव है ।
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स्वास्थ्यस्थिति :-
अब यदि इनके स्वास्थ्य की बात की जाय तो जैसा कि हम ऊपर बता चुके हैं कि ये निर्भीक , साहसी, और ऊर्जा के साथ -साथ उत्साह से भरे होते हैं तो निश्चित तौर पर ये शारीरिक रूप से मजबूत होते हैं । इनके अन्दर जबरदस्त रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है और ये बीमार बहुत कम पडते हैं । उनका शारीरिक के साथ-साथ मनसिक स्वास्थ्य भी उत्तम रहता है । अत: इतना तो कहा जा सकता है कि बच्चा दीर्घायु और सर्वगुण सम्पन्न होगा और भविष्य में किसी खास क्षेत्र में अपना नाम रोशन जरूर करेगा । स्टार्स टेल परिवार भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली और अनुष्का शर्मा को बधाई देता है और बेटे अकाय के दीर्घायु की प्रार्थना करता है।
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