मकर संक्रान्ति भारत देश के सभी प्रमुख पर्वों में से एक खास पर्व है । हिन्दू धर्म को मानने वाले सभी लोग मकर संक्रांति के पर्व को बडे ही धूमधाम से मनाते हैं । या यूं कहें कि मकर संक्रान्ति का सभी लोगों को पूरे सालभर इन्तजार रहता है । अंग्रेजी तारीख के हिसाब से साल के प्रथम मास अर्थात जनवरी की 14 तारीख को मकर संक्रान्ति 2024 महपर्व मनाया जाता है । मकर संक्रान्ति 2024 पर्व देश के विभिन्न भागो में अलग अलग नाम से जाना जाता है । इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं या यूं कहें कि सूर्य का संक्रमण मकर राशि में होता है इसलिए इसे मकर संक्रान्ति कहा जाता है। द्श के कुछ भागों में इसे उत्तरायण के नाम से जाना जाता है । क्योंकि 14 जनवरी के बाद से सूर्य ग्रह उत्तर दिशा की ओर अग्रसर होता है। इसके पीछे वैज्ञानिक तर्क यह है कि सूर्य की गति जब उत्तर की ओर होटी है तो उत्तरायण और जब दक्षिण दिशा की ओर होती है तो दक्षिणायन होता है । सूर्य पूरे साल मे बारह राशियों में भ्रमण करता है और जब धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है तो मकर संक्रान्ति 2024 पर्व मनाया जाता है। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है।
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भारत के अलावा मकर संक्रान्ति पर्व नेपाल में भी धूमधाम से मनाया जाता है, नेपाल में इसे माघे संक्रान्ति या ‘माघी संक्रान्ति’ या खिचड़ी संक्रान्ति के नाम से जाना जाता है और तिल, घी, शर्कर और कन्दमूल खाकर धूमधाम से मनाते हैं। तमिलनाडु राज्य में इसे पोंगल पर्व के रूप में मनाया जाता हैं , इसके अलावा कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, राजस्थान, सिक्किम, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, पश्चिम बंगाल, गुजरात और जम्मू में इसे मकर संक्रांति के नाम से जाना जाता है । बिहार राज्य में यह पर्व ‘तिला संक्रांत’ के नाम से जाना और मनाया जाता है । इस दिन तिल, गुड के लड्डू, मूंगफ़ली ,रेवडी, गज्जक आदि खाने और खिलाने का रिवाज है । इसके अलावा कई जगह इसे उत्तरैन,माघी संगरांद, खिचड़ी, असम में भोगाली बिहु के नाम से जाना और मनाया जाता है ।
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इस पर्व को लोग अपने अपने रीति रिवाज के हिसाब से मनाते हैं । इसे किसानों का पर्व भी कहा जाता है , क्योंकि किसान इस दिन अच्छी फ़सल के लिए भगवान से आशीर्वाद मांगता है । इस दिन तीर्थ स्थल में नहाने का भी रिवाज है लोग दूर-दूर से हरिद्वार, प्रयाग और अपने नजदीक के अन्य तीर्थ स्थल पर जाकर मन, बचन और कर्म से की गई गलतियों और पापों को मिटाने के लिए गंगा स्नान करते हैं । लोग इस दिन खिचडी बनाने हैं और कई जगह तो इस दिन भव्य मेला लगता है और खिचडी का प्रसाद बनाकर बांटा जाता है । धर्म शास्त्रों में मकर संक्रान्ति के दिन तीर्थ स्थल पर स्नान, दान, पूजा-पाठ करने का अलग ही महत्व बताया गय है और बहुत शुभ माना गया है । इससे पहले का मास अर्थात पौष मास को खरमास भी कहा जाता है और इस महीने धार्मिक पूजा-पाठ और संस्कारादि के लिए बहुत शुभ नहीं माना जाता । मकर संक्रान्ति के दिन से विवाहादि संस्कार के मुहुर्त खुल जाते हैं ।
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मकर संक्रान्ति 2024 समय और मुहूर्त:
मकर संक्रान्ति सोमवार 15 जनवरी 2024
मकर संक्रान्ति पुण्य काल – प्रात: 07:15 से शाम 05:46 तक
कुल अवधि – 10 घण्टे 31 मिनट
महा पुण्य काल – प्रात: 07:15 से 09:00 बजे तक
कुल अवधि – 01 घण्टा 45 मिनट
मकर संक्रांति उस दिन मनाई जाती है जिस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है। इस वर्ष सूर्य का मकर राशि में गोचर 15 जनवरी को प्रातः 2:47 बजे होगा।