पंचमी तिथि 21 जनवरी 2018 दिन रविवार को दिन में 12:28 बजे से प्रारम्भ होकर 22 जनवरी 2018 दिन सोमवार को दिन में 12:38 बजे तक विद्यमान रहेगी । उदया तिथि के कारण बसन्त पंचमी का महान पर्व 22 जनवरी को होगा। इसलिए 12:38 बजे तक पूजा अर्चना कर लें। इस दिन गंगा स्नान कर माता सरस्वती की पूजा अर्चना का श्रेष्ठ फल मिलता है।
मां सरस्वती की कृपा से बुद्धि, विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
बसंत पंचमी को मां सरस्वती के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर मां के आशीर्वाद से अच्छी वाणी भी प्राप्त होती है। यदि आप के बच्चे को कोई वाणी दोष है तो आप बसंत पंचमी के दिन बच्चे की जीभ पर केसर से चांदी की (सीख) सलाई द्वारा शुभ मुहूर्त में ‘ऐं’ बीज मंत्र लिखें। माना जाता है कि ऐसा करने से बच्चे का वाणी दोष दूर होता हैं।
पुराने समय मे बच्चों को बसंत पंचमी के दिन से ही शिक्षा प्रारंभ की जाती थी और आज ही के दिन बच्चों का अन्न प्रशान भी
किया जाता है (अन्न का पहला निवाला खिलाया जाता है। ) इस दिन सभीको मां सरस्वती की पूजा करनी चाहिए और यथा शक्ति गरीब छात्रों को विद्या उपयोगी वस्तुओं का दानकरना चाहिए। जिन बच्चों का पढ़ाई में मन कम लगता हो बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को कलम( पेन) अर्पित करे और फिर पूरे साल इस्माल करे ।
आप माँ को मौसमी फल अर्पित करते हुए अपने जीवन के फलने फूलने की प्रथान करे आप आज के दिन हंस की तस्वीर या शोपीस भी घर में ला सकते हैं। इससे घर मे सुख शांति रहती है। इस दिन आपको मोर पंख घर के मंदिर या बच्चों के कमरे में रखना चाहिए। इससे घर मे अच्छी उर्जा का प्रभाव रहता हैं । मां सरस्वती की मूर्ति घर में लाएं। संगीत के क्षेत्र में रुचि रखने वाले लोगो को इस दिन अपने वीणा या बांसुरी माता सरस्वती को अर्पित कर सकते है।
एस्ट्रोलोजर अंजना नय्यार