
मातारानी आरती संग्रह – मातारानी की आरतियों का संग्रह!-
अपनी आराध्य मातारानी को प्रसन्न करने और अपनी कामना उनके समक्ष रखने की विधि को आरती कहते हैं , ऐसा भी कह सकते है कि अपने आराध्य माता की स्तुति हम शुध्द घी और तेल का दिया जलाने के अलावा कपूर और धूप दिखाकर आरती के रूप में नित्य सुबह और शाम करते हैं । ऐसा करने से मन को शान्ति मिलती है । नित्य प्रात: मन्दिर के पट खोलने के पश्चात मन्दिर की सफ़ाई की जाती है और उसके बाद सभी देवीओं की आरती बन्दना की जाती है । किसी भी तरह की पूजा-अनुष्ठान के पश्चात आरती करना पूजा का एक अभिन्न अंग है जिसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है ।
मातारानी आरती संग्रह – मातारानी की आरतियों का संग्रह
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