2023 से 2032 तक कैसा होगा भारत का भविष्य?

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आज हम इस ब्लोग के माध्यम से नये भारत के आने वाले दस साल अर्थात वर्ष 2023 से 2033 तक के समय का विश्लेषण करेंगे और जानेंगे कि कैसा रहेगा भारत का भविष्य । एक बार यदि हम आजाद भारत 1947 की कुण्डली देखते हैं तो लग्न में वृष राशि का राहु , धन भाव में मिथुन राशि का मंगल, तीसरे भाव में कर्क राशि का चन्द्र, बुध , शनि, शुक्र और सूर्य ने पंचग्रही योग बनाया है । छ्ठे भाव में तुला राशि का गुरु और सप्तम भाव में वृश्चिक राशि का केतु विराजमान है । वर्तमान में सितम्बर 2015 से चन्द्रमा अर्थात पराक्रम भाव की दशा चल रही है जो कि सितम्बर 2025 तक निरन्तर चलेगी और उसके बाद मंगल की महा दशा प्रारम्भ होगी जो कि सितम्बर 2032 तक चलेगी । उसके बाद 18 वर्ष के लिये राहु की महादशा प्रारम्भ होगी और  परिवर्तन का युग होगा जो बडे स्तर पर भारत का भविष्य बदल देगा ।

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आने वाला समय:

अभी हम महादशा को आधार मानकर उसके साथ अन्तर दशा का विश्लेषण करके  भारत का भविष्य जानेंगे कि निकट भविष्य में भारत का भविष्य ,भाग्य उदय और उन्नति की क्या और कितनी सम्भावना है । चन्द्रमा की दशा का विश्लेषण करने के बाद हमने पाया कि भारत का शीर्ष और श्रेष्ठ नेतृत्व अपने मित्र देशों के साथ रिश्तों और व्यापार के क्षेत्र का विस्तार करने में सफ़ल रहेगा इससे भारत की अर्थव्यवस्था को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिलने की सम्भावना है । 

साल 2025 के आखिर तक अपने पराक्रम के बल पर विरोधियों को पनपने नहीं देगा । यदि देश के अन्दर राजनीतिक स्तर की बात की जाय तो यहां से 2025 के अंत तक बडी उथल पुथल वाली स्थिति दिख रही है। विरोधी पक्ष सत्ताधारी पक्ष के काम काज में बार-बार दखल देने का प्रयास करता रहेगा। लेकिन सत्ता पक्ष जनता में बढ रहे आक्रोश को शान्त करने में कामयाब रहेगी। कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि चन्द्रमा की दशा अवधि के अन्तर्गत देश की जनता को नये रोजगार प्राप्त होंगे , देश नये आविष्कार करके अपने मित्र देशों की भी मदद करते हुये  भारत का भविष्य तय करेगा ।

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मंगल की महादशा:

सितम्बर 2025 से सितम्बर 2032 तक चलने वाली मंगल की महादशा की तो गहनता से विश्लेषण करने के बाद हमने देखा कि आजाद भारत की कुण्डली में मंगल सप्तमेश और द्वादशेष होकर धन भाव में बैठा है और मंगल की दृष्टि पंचम भाव, अष्ट्म भाव और  नवम भाव पर पड रही है , जबकि गुरु की पूर्ण दृष्टि मंगल पर है। ये दर्शाता है कि इस दशा के दौरान बहुत सारे मुद्दों को लेकर जनता का आक्रोश बाहर आ सकता है और आक्रोशित जनता सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पंहुचा सकती है और पडोसी देशों की तरफ़ से भी मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने का निरर्थक प्रयास किया जा सकता है । इससे भारत का भविष्य बहुत ज्यादा खराब तो नहीं होगा लेकिन देश की प्रगति में ये तत्व बाधक होंगे और भारत के भविष्य और उन्नति की गति धीमी पड सकती है । नेताओं के बडे बोल स्वयं की छवि को खराब करने का काम कर सकते हैं । इस दौरान होने वाले बडे चुनाव बहुत ही टक्कर देने हो सकते हैं जिससे सत्ता और विपक्ष एक दूसरे की ताकत का अन्दाजा लगा पायेंगे ।

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ग्रहों की स्थिति:

अब यदि आर्थिक दृष्टि से विचार किया जाय तो ग्रहों की स्थिति दर्शा रही है कि देश इस दौरान तेजी से तरक्की की राह पर आगे बढेगा इससे भी  भारत का भविष्य तय होगा । बडे-बडे प्रोजेक्ट इस दौरान लॉन्च होंगे और भारत अन्य देशों के साथ मिलकर ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में तेजी से आगे बढेगा । कुछ खास क्षेत्रो में भारत अपनी एक अलग पहचान बनाने में कामयाब रहेगा । भारत स्वयं अपने बल पर अपनी अर्थ व्यवस्था को विश्व स्तर पर सबसे तेज ले जाने में भी कामयाब रहेगा । यहां तक कि अन्य देशों की कल्पना से भी आगे भारत का भविष्य सुनहरा होगा और भारत स्वयं अपनी अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने में कामयाब हो सकता है । इसी के चलते विश्व में भारत को नई पहचान मिलेगी और साल 2032 आते-आते भारत विश्व की सबसे बडी अर्थव्यवस्थाओं की कतार में स्वयं को स्थापित करने में कामयाब हो जायेगा और  भारत का भविष्य उज्ज्वल होगा।

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