गुरु के अस्त होने पर आपकी आर्थिक स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

मेष-भाग्य स्थान मे अस्त होगे गुरु- न भाग्य के भरोसे रहें और न ही कोई काम छोडें। योजनाबध्द तरीके से काम करने की जरूरत होगी। इसके अलावा अपने सम्मान और स्वास्थ्य का खास ध्यान रखें ।

वृष- गोचर अष्टम भाव मे- अनावश्यक खर्चों पर तत्काल रोक लागाने की जरूरत होगी और बडा निवेश या तो रोक दें या फ़िर अनुभवी क्षेत्र मे ही करें। उधार के लेन-देन में भी सावधानी बरतने की आपको सलाह दी जाती है । मकान वाहन खरीदने की योजना थोडे समय के लिये टल सकती है , हताश न हों। 

मिथुन – गोचर सप्तम भाव में- सामाजिक मामलों मे निर्णय सोच समझकर लेने की जरूरत होगी और व्यर्थ की बयान बाजी से बचें। आय के स्रोतो में कमी आ सकती है या आय कम और खर्चे एकाएक बढ सकते हैं। भाई-बहिनो के साथ रिश्तो की गरिमा को समझे और बनाये रखे , ये आपके हित मे होगा। जीवन साथी के साथ ताल-मेल बनाकर रखें।

कर्क- गोचर छठे भाव में- कुछ मामलों में निवेश किया गया धन अटक सकता है, भले ही ये आपको बाद मे वापस मिल सकता है। यात्रा का योग बन सकता है लेकिन यात्रा मे अपने कीमती समान का ध्यान रखें। काम के नये अवसर मिलेगें लेकिन निर्णय लेने मे दुविधा हो सकती है। परिवार की जरूरतों को पूरा करने मे अधिक समय बीतेगा।

सिंह- गोचर पंचम भाव में- इस दौरान जो भी परिणाम आने वाले है शायद जैसा उम्मीद थी वैसा न हों । परन्तु हताश न हों और पूरे जी-जान से मेहनत जारी रखें क्योकि आने वाला समय आपके पक्ष मे दिखता है। यदि कहीं से पैंसा आना है तो किसी करणवस लेट हो सकता है। सेहत का ध्यान रखे और वाहन आदि का प्रयोग सतर्कता के साथ करे खासकर यातायात के नियमो की अनदेखी करने से बचें।

कन्या- गोचर चतुर्थ भाव में- काम होगें लेकिन गति धीमी पड सकती है। हो सकता है योजनाबध्द तरीके से काम-काज की शुरुआत न हो । घर में किसी के स्वास्थ्य को लेकर भी चिन्ता या व्यस्तता सम्भव है । कोई पुरानी शारीरिक परेशानी नये रूप मे उभर कर आ सकती है अत: लापरवायी से बचें । शायद इस दौरान खुल कर खर्च न कर पायें परन्तु ये समय मिला जुला रहेगा।  

तुला- गोचर तीसरे भाव में- निजी जीवन में खुद की कमियों का आंकलन कर सकेगे, जीवन साथी के स्वास्थ्य को लेकर चिन्ता हो सकती है ,साथ ही बिजनेस पार्टनर के साथ विचारों के ताल-मेल मे दिक्कत महसूस होगी, धर्म कर्म में रुचि बढेगी और घर के बडे सदस्यों से जिस तरह के सहयोग की उम्मीद करते हैं शायद इस दौरान वैसा न मिल पाये । सयम रखें और उचित समय की प्रतिक्षा करें।

वृश्चिक- गोचर दूसरे भाव में- बोल चाल मे सावधानी, सामाजिक मान मर्यादा का ध्यान रख्ना होगा, किसी से भी झूठे वायदे न करें, शत्रु पक्ष को हल्के मे लेने की भूल न करें, किसी तरह की गुप्त परेशानी हो सकती है, स्वास्थ्य मे गिरावट महसूस हो सकती है, काम -काज को लेकर व्यर्थ की भाग दौड भी सम्भव है।

धनु- गोचर लग्न भाव में- विद्यार्थी यदि मन मुताविक परिणाम चाहते हों तो भाग्य के भरोशे न रहकर समय के सदुपयोग मे लग जायें। प्रेम प्रसंगो मे उतार चढाव सम्भव है। खुद की कही गई बात में फ़ंस सकते है , सामाजिक बयान बाजी  ध्यान से करें, बोलते समय शब्दो का चयन ध्यान से करें, दाम्पत्य सुख मे कमी महसूस होगी, और भाग्य के भरोसे रहकर काम छोडना हितकर नही होगा।

मकर- गोचर- द्वादश भाव में- यात्राओं का प्रसंग बनेगा लेकिन अनावश्यक खर्चो को रोक नही पायेगें। किसी भी चीज को लेकर मन मे शंकाये ज्यादा रहेगीं। मकान, वाहन और प्रोपर्टी मे निवेश सतर्कता से करने की सलाह है। इस दौरान शत्रु पक्ष हावी रह सकता है इसलिये सावधानी अपेक्षित। स्वास्थ्य को नजरन्दाज करना भारी पड सकता है।

कुम्भ- गोचर एकादश भाव में- आलस्य हावी रह सकता है और पराक्रम में कमी आयेगी। शिक्षा साक्षात्कार देते समय आत्म विश्वास कमजोर महसूस होगा । प्रियजन किसी खास बात को लेकर अपनी नारजगी व्यक्त कर सकते हैं। जबकि विजनेस व्यापार मे कोई बडी डील होते-होते कुछ समय के लिये टल सकती है। संयम बनाये रखें।

मीन- गोचर दशम भाव में- बडे-छोटो के साथ वार्ता करते समय भाषा की मर्यादा बनाये रखें, अन्यथा सम्मान में कमी आ सकती है। आर्थिक तंगी खल सकती है। मकान वाहन या अन्य प्रोपर्टी यदि खरेदनी हो तो दस्तावेज जांच लें क्योंकि कोई आपके साथ छल कर सकता है। मित्रों के भरोसे जरूरी या अहम कार्य छोडना इस दौरान मुसीबर पैदा कर सकता है। वाहन आदि का इस्तेमाल सावधानी से करने की सलाह दी जाती है।

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