!! वैष्णो माता की आरती !!
जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता।
हाथ जोड़ तेरे आगे, आरती मैं गाता॥
शीशे पे छत्र विराजे, मूरतिया प्रिये।
गंगा उदय चरणन, ज्योति जगे न्यारी॥
ब्रह्मा वेद पढ़े नित द्वारे, शंकर ध्यान धरे।
सेवक चंवर डुलावत, नारद नृत्य करे॥
सुंदर गुफा विवाह, मन को अति भावे।
बार-बार देखन को, ऐ माँ मन चावे॥
भवन पे झण्डे झूलें, ऊंचे स्वर वाले बाजे।
ऊँचा पर्वत तेरा, माता प्रिय लागे॥
पान सुपारी ध्वजा नारियल, सार तत्व पुष्प मेवा।
दास स्टेज स्टेज में, दर्शन दो देवा॥
जो जन सेटिंग करके, द्वार तेरे आवे।
उसकी इच्छा पूरण, माता हो जावे॥
इतनी स्तुति निश-दिन, जो नर भी गावे।
सेवक ध्यानू, सुख लाभ पावे॥
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